70 दिन में लखपति बनाने वाली सब्जी: खीरा (ककड़ी)खीरा एक ऐसी फसल है जो 60-70 दिनों में तैयार हो जाती है और अच्छी मांग के कारण किसानों को मुनाफा देती है। यहां जानिए इसकी खेती का तरीका और लागत-मुनाफे का विवरण

खेती का तरीका
- मिट्टी और जलवायु:
- खीरा के लिए बलुई दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है।
- तापमान 20–35°C और सिंचाई की पर्याप्त सुविधा चाहिए।
- बुवाई:
- बीज की मात्रा: 1.5–2 किलोग्राम प्रति एकड़।
- लाइन से लाइन की दूरी: 2-3 फीट, पौधे से पौधे की दूरी: 1 फीट।
- बीज को 24 घंटे पानी में भिगोकर बोएं।
- खाद और उर्वरक:
- गोबर की खाद: 8–10 टन प्रति एकड़।
- रासायनिक खाद: NPK (40:60:40 किलोग्राम प्रति एकड़)।
- सिंचाई:
- गर्मी में हर 3-4 दिन में सिंचाई करें। फल आने पर नमी बनाए रखें।
- कीट नियंत्रण:
- इल्ली और थ्रिप्स से बचाव के लिए नीम का तेल या कीटनाशक छिड़कें।
- कटाई:
- बुवाई के 45–50 दिन बाद फल तोड़ना शुरू करें। 70 दिनों में 8–10 बार तुड़ाई होती है।
लागत और मुनाफा
- कुल लागत (प्रति एकड़):
- बीज: ₹2,000–3,000
- खाद और उर्वरक: ₹10,000
- सिंचाई और श्रम: ₹15,000
- कीटनाशक: ₹5,000
- अन्य: ₹5,000
- कुल: ₹35,000–40,000
- उपज और आय:
- औसत उपज: 80–100 क्विंटल प्रति एकड़।
- बाजार भाव: ₹20–30 प्रति किलो।
- कुल आय: 10,000 किलो × ₹20 = ₹2,00,000
- शुद्ध मुनाफा:
- ₹2,00,000 (आय) – ₹40,000 (लागत) = ₹1,60,000
सफलता के टिप्स
- संकर किस्में (जैसे Pusa Sanjog, Hybrid-8) चुनें।
- ट्रेलिस विधि से खेती करें ताकि उपज बढ़े।
- स्थानीय बाजार या ठेकेदारों से पहले ही मूल्य तय कर लें।
इस तरह खीरा की खेती से किसान 70 दिन में ₹1.5–2 लाख तक कमा सकते हैं। हालांकि, मौसम और बाजार भाव का ध्यान रखें।

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