गमलें में ऐसे लगाएं चुकंदर, खुद तो खाएंगे पड़ोसियों को भी बाटेंगे – बीज लगाने से लेकर कटाई तक की पूरी जानकारी
चुकंदर एक पौष्टिक और स्वादिष्ट जड़ वाली सब्जी है, जिसे हम आसानी से अपने घर के गमलों में उगा सकते हैं। इसमें आयरन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। यदि आप अपने घर की छत, बालकनी या आंगन में चुकंदर उगाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए एक पूर्ण गाइड है। इसमें हम बीज लगाने से लेकर कटाई तक की पूरी प्रक्रिया विस्तार से बताएंगे।

चुकंदर उगाने के लिए सही गमले का चयन
गमले में चुकंदर उगाने के लिए कम से कम 10-12 इंच गहरा गमला चुनें। चुकंदर एक जड़ वाली फसल है, इसलिए इसे गहरी और भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है। यदि गमला छोटा होगा, तो चुकंदर ठीक से नहीं बढ़ेगा। टेरेस गार्डनिंग या किचन गार्डनिंग के लिए प्लास्टिक, मिट्टी या सिरेमिक के गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं।
चुकंदर उगाने के लिए सही मिट्टी तैयार करें
चुकंदर की अच्छी उपज के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसके लिए:
✅ 60% गार्डन सॉयल
✅ 30% जैविक खाद (गाय का गोबर, वर्मीकम्पोस्ट या कम्पोस्ट खाद)
✅ 10% रेत या कोकोपीट (मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए)
इस मिश्रण को अच्छे से मिलाएं और गमले में भर दें। यह सुनिश्चित करें कि गमले में ड्रेनेज होल हो ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके और जड़ें सड़ने से बचें।
चुकंदर के बीज कब और कैसे लगाएं?
चुकंदर ठंडी जलवायु की फसल है। अक्टूबर से फरवरी के बीच इसका सबसे अच्छा मौसम होता है।
बीज लगाने का सही तरीका:
- बीजों को 6-8 घंटे पानी में भिगो दें – इससे अंकुरण जल्दी होगा।
- मिट्टी में 1-1.5 सेमी गहरा गड्ढा बनाएं और बीज डालें।
- बीजों के बीच 3-4 इंच की दूरी रखें ताकि पौधे को पर्याप्त जगह मिल सके।
- हल्की मिट्टी डालकर बीजों को ढक दें और तुरंत पानी दें।
- गमले को ऐसी जगह रखें जहां धूप 4-5 घंटे तक मिले।
पानी देने और देखभाल के महत्वपूर्ण टिप्स
✅ अंकुरण के दौरान मिट्टी को हल्का नमीयुक्त रखें, लेकिन अधिक पानी न दें।
✅ गर्मियों में हर दिन हल्की सिंचाई करें, सर्दियों में सप्ताह में 2-3 बार पानी दें।
✅ खरपतवार हटाते रहें ताकि पौधों को पूरा पोषण मिले।
✅ जब पौधे 3-4 इंच के हो जाएं, तो कमजोर पौधों को हटा दें ताकि अन्य को सही ग्रोथ मिले।
✅ पत्तियों पर कीट लगने पर नीम का तेल छिड़कें।
चुकंदर के पौधे को पोषण देना (खाद और उर्वरक)
चुकंदर को हर 15-20 दिन में एक बार जैविक खाद देना चाहिए।
👉 गाय के गोबर की खाद – मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए
👉 वर्मीकम्पोस्ट – पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए
👉 सरसों खली या नीम खली – पौधों को मजबूती देने के लिए
👉 गुड़ और छाछ का घोल – सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए
यह सभी प्राकृतिक उर्वरक चुकंदर की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाते हैं।
चुकंदर कब तैयार होगा और कैसे करें कटाई?
👉 40-50 दिनों में छोटे चुकंदर तैयार हो जाते हैं और 60-70 दिनों में पूरी तरह विकसित हो जाते हैं।
👉 जब पत्तियां हल्की पीली होने लगें और जमीन के ऊपर से चुकंदर की गांठें दिखने लगें, तो समझ लें कि वे तैयार हैं।
👉 चुकंदर को मिट्टी से धीरे-धीरे खींचकर बाहर निकालें ताकि जड़ें न टूटें।
👉 कटाई के बाद इसे ताजे पानी से धो लें और सुखाकर स्टोर करें।
घर के गमले में उगाए गए चुकंदर के फायदे
✅ रसायन मुक्त और जैविक सब्जी – कोई भी केमिकल नहीं
✅ सुपरफूड – आयरन, फाइबर और विटामिन सी से भरपूर
✅ बालकनी, छत और आंगन में आसानी से उगाया जा सकता है
✅ कम लागत में ताजा और पौष्टिक चुकंदर उपलब्ध
✅ अत्यधिक पानी या ज्यादा देखभाल की जरूरत नहीं
चुकंदर उगाने से जुड़े कुछ सामान्य सवाल (FAQs)
1. गमले में चुकंदर उगाने में कितना समय लगता है?
गमले में चुकंदर उगाने में 60-70 दिन लगते हैं। छोटे चुकंदर 40-50 दिनों में भी तैयार हो सकते हैं।
2. क्या चुकंदर को गमले में बार-बार खाद देना जरूरी है?
हाँ, हर 15-20 दिन में जैविक खाद डालने से उत्पादन अच्छा होगा।
3. क्या चुकंदर के पत्ते भी खाए जा सकते हैं?
बिल्कुल! चुकंदर के पत्ते आयरन और फाइबर से भरपूर होते हैं, इन्हें सब्जी या सलाद में इस्तेमाल किया जा सकता है।
4. गमले में उगाए गए चुकंदर को कैसे स्टोर करें?
कटाई के बाद इसे पानी से धोकर सुखा लें और फ्रिज में स्टोर करें।
निष्कर्ष
गमले में चुकंदर उगाना आसान और लाभदायक है। यदि आप ताजा, पौष्टिक और रसायन मुक्त सब्जी चाहते हैं, तो अपने घर में ही इसे उगाना सबसे अच्छा विकल्प है। बस सही गमला, मिट्टी, पानी और पोषण का ध्यान रखें, और कुछ ही हफ्तों में आपके पास ताजा चुकंदर होगा।
तो देर किस बात की? आज ही अपने गमले में चुकंदर उगाएं और स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली अपनाएं!
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