खाली पड़े खेत में गरमा जुताई के है 3 फायदे, अभी करें तो अगली फसल की चार गुनी होगी पैदावार

गरमा जुताई के फायदे: अगली फसल की पैदावार होगी चार गुनी!

गरमा जुताई गर्मियों के मौसम में खाली पड़े खेत की गहरी जुताई करने की प्रक्रिया है। यह खेत की मिट्टी को बेहतर बनाने और अगली फसल की उपज बढ़ाने में मदद करती है।

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गरमा जुताई के 3 बड़े फायदे:

1. मिट्टी की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है

  • गहरी जुताई से मिट्टी में हवा और धूप का संचार बेहतर होता है।
  • मिट्टी में नमी संचित रहती है, जिससे फसल की जड़ें मजबूत बनती हैं।
  • पुराने फसल अवशेष और खरपतवार सड़कर जैविक खाद में बदल जाते हैं।

2. कीट और रोगों से छुटकारा

  • गरमा जुताई से हानिकारक कीड़े-मकोड़े और फफूंद नष्ट हो जाते हैं।
  • मिट्टी में मौजूद हानिकारक बीमारियों के कारक तेज धूप से खत्म हो जाते हैं।
  • यह जैविक खेती को बढ़ावा देता है और रासायनिक कीटनाशकों की जरूरत कम होती है।

3. जल संरक्षण और फसल की उत्पादकता में वृद्धि

  • गहरी जुताई से मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ती है।
  • वर्षा जल आसानी से मिट्टी में समा जाता है, जिससे सिंचाई की जरूरत कम होती है।
  • अगली फसल की जड़ें गहराई तक फैलती हैं, जिससे फसल अधिक उपज देती है।

गरमा जुताई कब और कैसे करें?

समय: मार्च से मई के बीच सबसे अच्छा समय होता है।
विधि:

  1. खेत को खाली करके उसमें गहरी जुताई करें (10-12 इंच गहराई तक)।
  2. मिट्टी को पलटने वाले हल (मोल्ड बोर्ड हल) या ट्रैक्टर से जुताई करें।
  3. कुछ दिनों तक खेत को खुला छोड़ दें ताकि सूरज की रोशनी और गर्मी से हानिकारक कीट खत्म हो जाएं।
  4. यदि संभव हो तो हरी खाद (ढैंचा, मूंग) बोकर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएं।

निष्कर्ष:

अगर गरमा जुताई सही तरीके से की जाए, तो मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, कीट और खरपतवार कम होते हैं और अगली फसल की पैदावार 4 गुना तक बढ़ सकती है। इसलिए, समय रहते अपने खेत में गरमा जुताई जरूर करें और बेहतर फसल प्राप्त करें! 🌱🚜

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